आरहीनियस के अनुसार अम्ल, क्षार की परिभाषा
आरहीनियस का "अम्ल क्षारक सिद्धांत"
आरहीनियस का "अम्ल क्षारक सिद्धांत" |
नोबेल पुरस्कार विजेता आरहीनियस का जन्म 19 फरवरी सन 1959 को
हुआ था यह एक डेनिश रसायन एवं भौतिक वैज्ञानिक थे परंतु यह रसायन
विज्ञान के क्षेत्र में अत्यधिक प्रसिद्ध हुये। इनकी मृत्यु 2 अक्टूबर सन 1927
डेनिश में हुई, आरहीनियस ने रसायन विज्ञान के क्षेत्र में अग्रसर कार्य किया
इन्होंने अम्ल क्षार के संबंध में अपना सिद्धांत प्रस्तुत किया
जिसे- आरहीनियस का "अम्ल क्षारक सिद्धांत" कहा जाता है,
सन् 1884 मैं आरहीनियस ने आयनन सिद्धांत के आधार पर अम्ल क्षारक
की परिभाषाएं प्रस्तुत की--
- अम्ल- आरहीनियस के अनुसार वे पदार्थ जो जल में घोले जाने पर हाइड्रोजन
आयन देते हैं अम्ल कहलाते हैं। जैसे- हाइड्रोक्लोरिक अम्ल सल्फ्यूरिक अम्ल
नाइट्रिक अम्ल आदि
- क्षारक- आरहिनियस के अनुसार वे पदार्थ जो जल में खोले जाने पर
हाइड्रोक्साइड आयन देते हैं खारक कहलाते हैं। जैसे- सोडियम हाइड्रोक्साइड,
पोटैशियम हाइड्रोक्साइड, बेरियम हाइड्रोक्साइड आदि।
- आरहिनियस के सिद्धांत की सीमाएं-
आरहिनियस का अम्ल क्षारक सिद्धांत निम्न तथ्यों की ही व्याख्या ना कर सका-
1. यह पदार्थ के केवल चलिए विलेनु में अम्ल क्षार प्रकृति की व्याख्या करता है
अन्य विद्वानों में नहीं
2. यह उन पदार्थों के अमृतसर गुड़ की व्याख्या नहीं करता जिसमें एक्सप्रेस
तथा ओवर्स - आयन नहीं होते
0 Comments