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कैसे हुआ हिमालय पर्वत श्रृंखला का निर्माण। himalaya parvat ka nirman kaise hua

कैसे हुआ हिमालय पर्वत श्रृंखला का निर्माण। himalaya parvat ka nirman kaise hua... 


बर्फ से ढके पहाड़ो की सुंदरता सभी को लुभाती है हर साल लाखो सेलानियो को ये पहाड़ अपनी ओर आकर्षित करते है। इन्ही पहाड़ो की सूची में पहला नाम आता है उस पहाड़ का जिसे भारत का ताज कहा जाता है जी हां हम बात कर रहे है हिमालये पर्वत की जो हमारे देश की जीवन रेखा है ऐसा इसलिए क्योकि भारत को जीवन दायिनी कही जाने वाली नदियों का उद्धगम स्थल हिमालये को ही माना जाता है इसकी गोद से निकलती नदियाँ उत्तरा भारत में कई मैदानी छेत्रों का निर्माण करती है जहाँ लोग खेती कर अपनी  आजिवीका चलाते हे हिमालय भारत की प्रकृति का विशेष हिससा है।  ,पर क्या ? आप जानते है की हिमालय पर्वत का निर्माण कैसे हुआ तो आज हम यही जाने गे की हिमालय पर्वत श्रृंखलाओ की उत्पत्ति कैसे हुई......    

हेलो दोस्तों मेरा नाम है हिमांशु खरे आप ने लॉगिन किया है vigyanjagat90 तो चलिए आगे पढ़ते है.. 

  • HIMALAYA AND ITS ORIGIN

हिम और आलय दो शब्दों से मिलकर बना है हिमालय का शाब्दिक अर्थ बर्फ का घर ।

चारों तरफ से बर्फ़ की चादर से ढंकी यह पर्वत श्रंखला 4 देशों में फैली हुई है हिमालय भारत की सबसे बड़ी पर्वत श्रंखला है जो देश के उत्तर से शुरू होकर पूर्वांचलतक तक फैला हुआ है इस पर्वत श्रंखला को जहां भारत में हिमालय के नाम से जाना जाता है वहीं इस चोटी को नेपाल में स्वर्ग के बाल और तिब्बत में loard of snow के नाम से जाना जाता है।

पर क्या? आप जानते हैं कि एशिया महाद्वीप में फैली इस श्रंखला को बनने में कई करोड़ों साल का समय लगा है इस चोटी की उत्पत्ति की शुरूआत तब शुरू हुई जब भारत अफ्रीका महाद्वीप का हिस्सा हुआ करता था। हिमालय की उत्पत्ति की theroy के मुताबिक इस चोटी का निर्माण दो प्लेटों के टकराने से हुआ जैसा कि हम सब जानते हैं कि पृथ्वी की सतह का निर्माण छोटे-बड़े महाद्वीपीय प्लेटो से बनकर हुआ है यह प्लेट लावा में तैरती रहती हैं जब नीचे के अलावा में हलचल होती है तो प्लेट भी उसी प्रकार से हलचल करती हैं।

ठीक इसी तरह लगभग पंद्रह सौ करोड़ साल पहले दुनिया के सारे महाद्वीप एक जगह इकट्ठा थे। उनके बीच कोई महासागर नहीं था उस समय इस महाद्वीप समूह को पेनजिया (Pangaea) नाम से जाना जाता था पेनजिया के उत्तर में लारेशिया (Laurasia) और दक्षिण में गोंडवाना (Gondwana) था भारत उस समय गोंडवाना का हिस्सा हुआ करता था उस समय भारत नाम का कोई स्थल मौजूद ही नहीं था। यह युग डायनासोर्स का हुआ करता था कुछ समय बाद धरती के आंतरिक भाग में हुई हलचल के कारण प्लेट ने खिसकना शुरू किया इसका परिणाम यह हुआ कि लारेशिया और गोंडवाना अलग-अलग होने लगी लारेशिया उत्तर की ओर जाने लगा और गोंडवाना दक्षिण की ओर लेकिन भारत गोंडवाना का हिस्सा होते हुए भी दक्षिण की ओर नहीं खिसका और भारत यूरेसिया प्लेट्स की ओर बढ़ने लगा।



जिससे भारत और यूरेशिया के बीच का समुद्र सिकुड़ने लगा आपको बता दें कि इस सागर को टेथीज सागर thethys sea के नाम से जाना जाता था यह एक समय में बहुत बड़ा सागर था लेकिन जब भारत यूरेशिया की ओर बढ़ता गया तो टेथीज सागर का पानी धीरे-धीरे गायब होकर अरब की खाड़ी और बंगाल की खाड़ी में चला गया जिससे भारत यूरेशिया की प्लेट से जा टकराया। भारत और यूरेशिया टकराए तो दोनों के बीच की जमीन आसमान की ओर उठती चली गई हजारों मीटर जमीन के उठने के कारण एक पर्वत का निर्माण हुआ जिसे आज हम हिमालय के नाम से जानते हैं इस टकराव के कारण तीन श्रेणियां यानी महान हिमालय, मध्य हिमालय, शिवालिक कि रचना हुई इस श्रृंखला का निर्माण उत्तर से पूर्व तक है और इसे बढने में काफी लंबा समय लगा लेकिन ऐसा नहीं है कि टकराव के बाद हिमालय की श्रंखला का विकास रुक गया हो। हिमालय की प्लेटें उत्तर की ओर खींचने के कारण इसकी ऊंचाई लगातार बढ़ रही है आज भी हिमालय के ऊपर उठते होते जा रहे हैं और यही कारण है कि इस क्षेत्र के पहाड़ी इलाकों में अकसर भूकंप का खतरा बना रहता है।


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