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Why are planets round | सभी ग्रह गोल क्यों होते हैं?

सभी ग्रह गोल क्यों होते हैं? Why are planets round?

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 सभी ग्रह गोल क्यों होते हैं
दोस्तों यह जानने से पहले की सभी ग्रह गोल क्यों होते हैं हमें यह जानना भी आवश्यक है कि ग्रहों का निर्माण कैसे हुआ तो चलिए जानते हैं-
सैकड़ों साल से वैज्ञानिक इस सवाल का जवाब खोजते रहे हैं कि हमारे सौरमंडल में ग्रह कहां से आए हालांकि जैसे जैसे टेलीस्कोप और तकनीकी विकसित होती गई हमें अपने सौरमंडल और ग्रहों के बारे में कई नई जानकारियां मिली हमारा सौरमंडल ब्रह्मांड का एक छोटा सा हिस्सा है इसकी रचना को लेकर जो सबसे leading theory हमारे सामने आती है वह है प्रोटोप्लैनेट हाइपोथेसिस इसके अनुसार अंतरिक्ष में स्मॉल ऑब्जेक्ट्स एक दूसरे से चिपके हुए थे फिर समय के साथ यह बड़े होते चले गए और फिर यह इतने बड़े हो गए कि Jupiter जैसे गैस गोले का भी निर्माण हुआ यानी सीधे तौर पर कहा जाए तो इस स्पेस में सभी बड़े ग्रहों का निर्माण स्माल ऑब्जेक्ट्स के आपस में चिपकने से हुआ है लेकिन यह कैसे हुआ चलिए जानते हैं।

  • Hey दोस्तों मैं हूं हिमांशु खरे और आपका स्वागत है science-hindi.com पर यहां मैं इसी तरह के unique पोस्ट डालता रहता हूं और आज के इस पोस्ट में हम जानेंगे कि सभी ग्रह गोल क्यों होते हैं? चलिए आगे पढ़ते हैं...

How was the sun formed (सूर्य का निर्माण कैसे हुआ)-

जब हम तारे और ग्रह के निर्माण की बात करते हैं तो सबसे पहले हम हमारे सौरमंडल के तारे यानी सूर के निर्माण की ओर एक नजर डालते हैं सूर्य के निर्माण का सिलसिला 4.6 बिलियन साल पहले हुआ था आज जिस सौरमंडल को हम देखते हैं वो उस समय गैस और डस्ट का भंडार हुआ करता था जिसे हम Nebula के नाम से जानते है लेकिन इस जायंट मॉलिक्यूलर क्लाउड में कुछ समय बाद gravitational collapse हुआ इस collapse के कारण सारा पदार्थ सेंटर की ओर एकत्र हो गया जो बाद में घूमते हुए गर्म हो गया धीरे-धीरे वह केंद्र बड़ा होता चला गया जिससे सूरज का निर्माण हुआ इसके ठीक बाद वह अपने आसपास मौजूद 99% पदार्थ को खा गया और उसने केवल 1% पार्टिकल्स और पदार्थ को ही छोड़ा इस पदार्थ ने चपटा होकर एक डिस्क का आकार लिया जिससे protoplanetary disk का निर्माण हुआ।

हमारा सौरमंडल इस दौर में एक गंदा स्थान था जहां अंतरिक्ष का बहुत सारा कूड़ा करकट घूम रहा था ऐसे में protoplanetary disk ने आगे चलकर हमारे सौरमंडल में चांद और बाकी ग्रहों का निर्माण किया दरअसल इस डिक्स में पाए जाने वाले पदार्थ ने आपस में जुड़ कर छोटे छोटे पत्थर और चट्टान बनाएं धीरे-धीरे यह पत्थर आपस मे जुड़ कर एक giant body बने जिन्होंने पास के पदार्थों को आकर्षित किया आगे चलकर यह जॉइंट बॉडी planetesimals (प्लैनेटीसिमल्स) कहलाए जिससे प्लेनेट बने इस दौरान हमारे सेंटर में बने सूरज ने अंदर के हिस्से में मौजूद गैस को बाहर निकाल दिया और उसकी गर्मी ने पास में मौजूद सारी हीट को evaporate कर दिया समय के साथ सभी चट्टानी ग्रह सूर्य के निकट हो गए जबकि जुपिटर जैसे गैस जॉइंटस दूर होते चले गये इस समय एक और घटना घटी जिसे Late Heavy Bombardment के नाम से जाना जाता है दरअसल इस दौर में स्पेस में मौजूद छोटे बॉडीज ने बड़े ग्रहों पर गिरना शुरू किया इस घटना में पृथ्वी पर भी कुछ bodies आकर टकराई यह घटना क्यों और कैसे हुई इसका कारण वैज्ञानिकों को अभी नहीं पता लेकिन कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि यह इसलिए हुआ क्योंकि गैस giants स्पेस के फैलने के साथ ही ज्यादा दूर जा रहे थे ऐसे में वे रास्ते में पड़ने वाले सभी छोटी bodies को नष्ट कर रहे थे समय के साथ सभी ग्रह दूर होते चले जाते है ग्रहो और सितारों के बनने की इस प्रक्रिया में सदियों का समय लगा ग्रहों की जो तस्वीर आज हमारे सामने है वह शुरुआती दौर में वैसी नहीं थी आज भी हमारे अंतरिक्ष में मौजूद कई ग्रहों का बनना और बिगड़नना चलता रहता है बनने और बिगड़ने की प्रक्रिया में जो दूसरा सवाल हमारे जेहन में आता है वह यह है कि जब भी कोई ग्रह और तारे की फॉर्मेशन होती है तो उसका आकार गोलाकार ही क्यों होता है।

Why are planets round? सभी ग्रह गोल क्यों होते हैं?

पृथ्वी गोल है सूर्य और चंद्रमा गोल है यहां तक कि प्लेनेट नेचुरल सैटेलाइट और तारे भी बोल हैं इनके गोल होने के पीछे का एक बहुत बड़ा कारण है दरलसल छोटी वस्तुओ का आकार उनकी मैकेनिकल प्रॉपर्टी पर निर्भर करता है अगर हमें चट्टान को लेकर किसी भी आकार में काट दे तो जाहिर है वह उसी आकार में रहेगी लेकिन जब हम बड़ी वस्तुओं की बात करते हैं तो पाते हैं की वस्तु जितनी बड़ी होती है उसका उतना ही मजबूत gravitational field होता है formation के दौर में ग्रह जैसे-जैसे बड़े होते हैं इनका ग्रेविटेशनल फोर्स बढ़ता चला जाता है जैसा कि हम जानते हैं कि गुरुत्वाकर्षण बल चारों तरफ एक समान लगता है जब यह ग्रह 1000 km भी साइज से बड़े हो जाते हैं तब ग्रेविटेशनल फोर्स इतना ज्यादा हो जाता है कि कोई भी तारा या ग्रह सेंटर की ओर खिंचाव महसूस करता है खिचाव की वजह से यह टूटने लगते हैं और केंद्र के ज्यादा से ज्यादा करीब होने लगते हैं जिसे isostatic adjustment भी कहाँ जाता है। लंबे समय तक ऐसा ही होने पर ग्रह व तारे धीरे-धीरे गोल हो जाते हैं यानी सीधे तौर पर, सभी ग्रह गोल गोल क्यों होते हैं? इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण ग्रेविटी Gravit है इसके साथ ही अगर हम छोटी वस्तुओं को देखने का प्रयास करें तो हमें हर आकार के मिलेंगे लेकिन अंतरिक्ष में बड़ी वस्तु गोलाकार की होगी ऐसे में हम यह कह सकते हैं ग्रहों और तारों के गोल होने के पीछे सबसे बड़ा कारण ग्रेविटी ही है हालांकि ग्रह तारे व स्पेस मे कोई भी बड़ी वस्तु पूरी तरह है गोल होने की वजह spherical होती है इसलिए उसे गोल न समझे।

  • आज के लिए बस इतना ही आशा करता हूं कि आप समझ गए होंगे  की सभी ग्रह गोल क्यों होते हैं? पोस्ट अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और हमारे वेबसाइट को Email subscription में अपनी Gmail id डालकर subscriber कर ले ताकि आपको हमारी नोटिफिकेशन मिलती रहे।

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