अगर हिमालय न होता तो क्या होता। what would happen if there was no himalayas...
- संसाधनों से भरा हिमालय देखने में जितना खूबसूरत है भारत देश के लिए उतना जरूरी भी है। क्या? आपने सोचा है कि अगर हिमालय पर्वत की श्रंखला नहीं होती तो आज भारत का अस्तित्व कैसा होता आपको जानकर शायद हैरानी होगी पर हिमालय के नहीं होने का भारत की स्थिति पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता और उत्तर भारत एक रेगिस्तान की तरह सूखा और बेजान होता।
हिमालय हमारे देश का महत्वपूर्ण खजाना है यह भारत की जलवायु को हर तरह से प्रभावित करता है इसके कारण ही हमारे देश में मानसून में वर्षा होती है और उत्तर के मैदान को सीचने के लिए पानी मिलता है अगर हिमालय नहीं होता तो भारत के उत्तरी इलाकों में मौसम खतरनाक कहर बरपाता यह पर्वत श्रंखला सदियों से मध्य एशिया से आने वाली ठंडी हवाओं को रोकती है जिससे भारत कड़ाके की ठंड से बचा रहता है मध्य एशिया से आने वाली हवाएं इस पर्वत को पार कर भारत तक नहीं पहुंच पाती और इसी कारण सर्दियों के बर्फीले कहर की मार भारत पर नहीं पड़ती, लेकिन चीन इन हवाओं से अछूता नहीं रहता और इसलिए सर्दियों में चाइना पूरी तरह बर्फ की चादर से ढक जाता है। यह पर्वत हमें चीन से आने वाली ठंडी हवाओं से तो बचाता ही है इसके साथ ही यह मानसूनी हवाओं को भी रोकता है जिसके कारण तमाम हिस्सों में बारिश होती है और किसानों को फसल उगाने के लिए पर्याप्त पानी मिल जाता है।
हिमालय भारत में बहने वाली लगभग सभी नदियों का घर है जहां गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र समेत देश की लगभग सभी बारहमासी नदियां हिमालय के पहाड़ों या ग्लेशियर से उत्पन्न होती है वहीं यह नदियां अपने साथ पहाड़ों से उपजाऊ मिट्टी मैदानों तक लाकर उन्हें हरा भरा बनाती है जिससे भारत को खेती के लिए उपजाऊ भूमि मिल जाती है,अगर यह पर्वत ना होता तो भारत की जमीन बंजर होती ऐसी अवस्था में ना तो कोई नदी होती और ना ही इन इलाकों में कोई जीवन पनप पाता इसलिए हिमालय की नदियां उत्तर भारत के लोगों के लिए जीवन रेखा जैसी हैं यह नदियां भारी बारिश और ग्लेशियर के कारण सदाबहार ही रहती है।
इतनी विशेषताओं के साथ इस पर्वत की एक और विशेषता है कि यह भारत को मध्य एशिया के देशों के आक्रमण से बचाता है इस पर्वत की इतनी ज्यादा ऊंचाई के कारण यहां पर बड़े बर्फ के ग्लेशियर पाए जाते हैं इसके साथ ही इस पर्वत श्रंखला की ऊंचाई में जाने पर हवा का दबाव कम हो जाता है और ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है ऐसे में किसी भी देश की आर्मी का भारत पर आक्रमण कर पाना बहुत मुश्किल हो जाता है हिमालय भारत के लिए जीवन दान तो है ही साथ में हमारा रक्षक भी है हिमालय की गहरी घाटियां बिजली बनाने के लिए सबसे बढ़िया जगह हैं जहां पर कई जगह ऐसे प्राकृतिक झरने हैं जिनके कारण "hydro-electric generation" में आसानी होती है हिमालय से निकलने वाली कई नदियां जैसे- अलकनंदा, मंदाकिनी, यमुना के जल से बिजली उत्पन्न की जाती है जिससे हर भारती के घर में बिजली पहुंचती है अगर हिमालय का अस्तित्व ना हो तो भारत को अंधेरे तले जीवन बसर करने पर मजबूर होना पड़ सकता है इसका प्रभाव इतना ज्यादा होगा कि ना तो कोई ट्रेन होगी और ना ही किसी भी उद्योग में निर्माण कार्य होगा क्योंकि इन सभी उद्योग और मेट्रो को चलाने के लिए बिजली तो होगी ही नहीं इसलिए भारत की अर्थव्यवस्था को चलाने के लिए हिमालय का होना बहुत जरूरी है।
लेकिन हाल ही के दशक में भारत की स्थिति कुछ यूं है कि लगातार हिमालय के प्राकृतिक संसाधनों का दुरुपयोग किया जा रहा है हमने विकास के मार्ग पर आगे बढ़ने की होड़ में इसकी प्राकृतिक संतुलन के साथ ऐसी छेड़छाड़ की है जिससे धीरे-धीरे हिमालय के संसाधन खत्म होते जा रहे हैं और बढ़ती global warming के कारण हिमालय के ग्लेशियर पिघलते जा रहे हैं अगर ऐसा होता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब हिमालय के सारे ग्लेशियर पिघल जायेंगे जिससे नदियों में पानी का जलस्तर बहुत तेजी से बढ़ेगा और उत्तरी मैदानों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो जाएगी, ऐसे में हिमालय अपने ग्लेशियर को खोने के साथ-साथ भारत को ना तो मानसून में पानी दे पाएगा और ना ही सर्दियों में ठंडी हवाओं से बचा पाएगा - परिणाम यह होगा कि भारत ना तो फसल उगा पाएगा और ना ही अपनी आजीविका बचा पाएगा और धीरे-धीरे सब कुछ एक जलते रेगिस्तान में तब्दील हो जाएगा।
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