क्षुद्रग्रहों की बमवर्षा ने पृथ्वी के महाद्वीपों के निर्माण में मदद की, किस प्रकार हुआ महाद्वीपों का निर्माण
पृथ्वी में करीब 3.8 करोड़ वर्ष पहले क्षुद्रग्रहों (छोटे तारों) द्वारा बमवर्षा करने से हमारे ग्रह पर शुरुआती परत बनी जिसने बाद में महाद्वीपों को जन्म दिया। दक्षिण अफ्रीका के विटवाटर्सरैंड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने एक बयान में कहा कि हेडियाइयोन के नाम से पहचानी जाने वाली अवधि में क्षुद्रग्रहों ने हमारे ग्रह पृथ्वी पर लगातार बमबारी की जिससे उसकी सतह की चट्टानें बड़ी मात्रा में टूटी व पिघलने लगी।इन चट्टानों में ज्यादातर बेसॉल्ट थी। बेसॉल्ट एक तरह की बहिर्भेदी आग्नेय चट्टान होती है। ये चट्टानें हजारों किलोमीटर मोटी थी और इनका व्यास हजारों किलोमीटर का था।
क्षुद्रग्रह प्रभाव से बेसॉल्ट पिघल के बड़े-बड़े पुलो के रूप में परिवर्तेत हो गया। जर्नल नेचर कम्युनिकेशंस में प्रकाशित शोध के अनुसार, ये बेसाल्टिक पूल कई हजारो किलोमीटर मोटे और हजारों किलोमीटर व्यास के थे।
विटवाटर्सरैंड विश्वविद्यालय के प्रफेसर राइस लैत्यिपोव ने कहा, " अगर आप जानना चाहते हैं कि उस समय पृथ्वी की सतह कैसी दिखती थी तो आप बस चंद्रमा की सतह देखो जो बड़ी संख्या में विस्फोटों से हुए खड्डों से बटी हुयी हैं।" शोधकर्ता लातीपोव ने कहा, इन प्रभावों ने क्रस्ट को संरचनात्मक रूप से अधिक विकसित किया, दूसरे शब्दों में, चट्टानों को विकशित संरचना प्रदान की। ये चट्टानें सिलिका युक्त थी जो हमारे महाद्वीपों के निर्माण के लिए अनिवार्य होती हैं।
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